ऐसा क्यों होता है जब तुम याद आते हो,
ऐसा क्यों होता है जब भी हम मिलते है,
जाने क्यों ये अनमने से बादल घिर जाते है,
जाने क्यों फिर ताज़गी हवाओं में घुल जाती है,
बारिश की ये बूंदे तन को छू कर य़ू गिरती है,
दिल में कैद तेरी यादों को मानों जगा जाती है,
कभी सोचा के बंद कर लू मुठी में इन बूंदों को,
हर कोशिश पे क्यों बेशुमार बूंदे फिसल जाती है,
ऐसा क्यों होता है जब जब बारिश होती है,
क्यों होती है ये बारिश जब जब हम मिलते है,
बारिश में गुज़रा हर एक लमहा कुछ ख़ास होता है,
वो कहते है प्यार करने वालो का ये अंदाज़ होता है,
हम कहते है ऐसे में ही प्यार का आग़ाज़ होता है,
जाने क्यों इस मौसम में हम तुम का परवाज़ होता है,
जाने क्यों, जाने क्यों, ऐसा क्यों होता है हर बार,
क्यों होती है ये बारिश जब जब हम मिलते है...
The day Table Tennis died
3 years ago
2 comments:
Wah Wah. More prosaic explanation about who the "tum" is please !!!!
@ Ramesh - Aahhh! that is a very difficult thing to do - writing or telling about "tum" in a prosaic manner.
In the most ordinary words, I can say that she is the "one". She is a great friend for a lifetime. You can sense the blushing side of me when I say this :-)... may be more someday through a prosaic post... :-)
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